UPSCR: क्या अब बदल सकती है उत्तर प्रदेश की तस्वीर? क्या अब होगी युपी में रोजगार की बौछार?
अभी हाल ही में युपी विधानसभा में एक बिल पास किया गया है (U.P. Districts Division Bill) । जिसमें उत्तर प्रदेश के 6 ऐसे जिलों को शामिल किया गया है जो राज्य की राजधानी के समीप है।
इन जिलों से कुल 27,826 वर्ग किलोमीटर जमीन को UPSCR में शामिल किया गया है।
🙏 नमस्कार साथियों मैं सूरज कुमार आप सभी का अपने ब्लॉग mylekh.in में हार्दिक स्वागत करता हूं। दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट से हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि UPSCR से उतर प्रदेश की जनता को क्या मिलेगा और इससे उत्तर प्रदेश की क्या तस्वीर बनेगी।
हम सभी इस बात से अवगत है कि दिल्ली NCR से दिल्ली की क्या तस्वीर बनी है और दिल्ली के विकास में Delhi NCR क्षेत्र का क्या योगदान है।
इसी के तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में UPSCR बनने जा रहा है जिसमें राज्य की राजधानी के समीपवर्ती जिलों को शामिल किया गया है। इन सभी जिलों से थोड़ी - थोड़ी जमीन इक्कठा करके UPSCR बनाया जायेगा। जो उत्तर प्रदेश की तस्वीर को बदलकर रख देखा।
UPSCR में शामिल जिलें एवं उनका भुमि योगदान -
हरदोई - 5985 वर्ग किलोमीटर
सीतापुर - 5743 वर्ग किलोमीटर
रायबरेली - 4609 वर्ग किलोमीटर
उन्नाव - 4558 वर्ग किलोमीटर
बाराबंकी - 4402
उत्तर प्रदेश सरकार इन जिलों की भूमियों पर उपस्थित अवैध कब्जे, अतिक्रमण आदि को हटा सकती है। यदि किसी किसान का खेत, घर व अन्य संपत्ति है तो उसे मुआवजा भी दिया जायेगा।
UPSCR से क्या बदल जायेगी उत्तर प्रदेश की तस्वीर?
उत्तर प्रदेश की तस्वीर जरुर बदलेगी लेकिन यह तय करता की राज्य में किस तरह का विकास किया जाएगा। सरकार की क्या योजना है और किस तरीके से बनाया जायेगा।
लेकिन एक बात तो तय है कि अब उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास होगा। और जो युपी के कामगार दिल्ली आदि अन्य शहरों में काम के लिए जाते हैं। हो सकता है यह बहुत कम हो जाये या उन्हें शहर में जानें की जरूरत ही न पड़े।
UPSCR बनने से उतर प्रदेश का विकास संभव हो जायेगा और 2028 तक उत्तर प्रदेश आर्थिक जगत में एक नया कीर्तिमान बना सकता है। उत्तर प्रदेश में रोजगार के नये अवसर मिलेंगे।
UPSCR बनाने के लिए चुनौतियां।
UPSCR बनाने के लिए अनेक चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है। सरकार को कई पहलुओं पर विषेष ध्यान देने की जरूरत है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है "सतत विकास" ।
सतत् विकास एक ऐसा शब्द है जिसमें राज्य को इस तरह से विकास करना होगा कि राज्य के पर्यावरण को नुकसान न हो आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसा न हो कि संसाधनों की कमी रहे या ठीक से सांस ही न ले सकें जैसे दिल्ली में है।
दिल्ली के विकास और पर्यावरण से आज हर कोई परिचित हैं। कि वहां का माहौल किस तरह का लोगों की सांस में दुर्गंध है। पर्यावरण इतना प्रदूषित है कि आसमान तक साफ नहीं दिखाई देता है।
उत्तर प्रदेश सरकार को इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही UPSCR का विकास करना है। और राज्य को आगे बढ़ाना है।
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